दो वर्षों में जर्जर हो गया करंजा मुसहरी बस्ती का पीसीसी सड़क
अंग भारत/शंभूगंज (बांका)
एक तरफ सरकार हरेक गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने का अभियान चला रही है। ताकि गांव-कस्बों के लोगों को सुविधा मिले। दूसरी ओर सिस्टम की कमजोरी के कारण सरकार का यह अभियान लूट-खसोट का धंधा बन गया है। प्रखंड में मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना द्बारा निर्मित सड़कों की स्थिति ठीक नहीं है। इस क्रम में शंभूगंज डलवा रोड से करंजा मुसहरी बस्ती तक पीसीसी सड़क की हालत बद से बदतर हो चुकी है। स्थिति यह है कि सड़क पर पैदल चलने में भी लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। मुसहरी पुलिया के समीप बीच सड़क पर बना गड्डा किसी मौत की कुंआ से कम नहीं है। करीब दो वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग द्बारा करीब 57 लाख की लागत से 66० मीटर लंबी सड़क बनाया गया। सड़क निर्माण में गुणवत्ता के कारण एक साल में सड़क दरकना शुरू हो गया। करंजा के ग्रामीण आत्मानंद सिह के अलावे गुलाबी मांझी, कारू माझी, कमल माझी सहित अन्य ने बताया कि मुसहरी बस्ती में करीब पांच दर्जन घर है। पिछले पांच दशकों से सड़क समस्या से वंचित रहना पड़ा। दो वर्ष पहले पूर्व विधायक स्व० जनार्धन माझी के पहल पर सड़क निर्माण तो हुआ। घटिया निर्माण के कारण बनने के साथ टूटना भी शुरू हो गया। मौजूदा हालात यह है कि शाम के अंधेरे में सड़क पर चलना खतरे से खाली नहीं है। बताया कि स्कूल जाने के दौरान पुलिया के समीप गड्डे में बालक आशीष मांझी का पैर फस गया। जिससे वह जख्मी हो गया। ग्रामीणों ने बताया कि पांच वर्षों तक सड़क मरम्मत की जिम्मेवारी संवेदक की होती है, लेकिन संवेदक एक बार झाकने तक नहीं पहुंचे। सड़क पर जगह-जगह गड्डा होने से जलजमाव की समस्या हो रही है। जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि यदि अविलंब सड़क मरम्मत कार्य नहीं होता है तो इसकी शिकायत डीएम से लेकर मुख्यमंत्री तक की जाएगी। इस संबंध में विभाग के कनीय अभियंता सुजीत कुमार ने एक सप्ताह के अंदर सड़क मरम्मत कराने की बात कही है। बताया कि यदि इसमें संवेदक की लापरवाही हुई तो खिलाफ में विभागीय कार्रवाई की जाएगी।