रावण के जलते ही भक्तों ने लगाए भगवान जयश्री राम के जयकारे
जगदीशपुर/भोजपुर, अंग भारत। अहंकार और अत्याचार के प्रतीक दशानन का प्रतीकात्मक अंत विजयदशमी को हो गया। रावण के पुतले धू-धूकर जल गए। पुतले से पटाखे की ताड़ाहत होते ही जय श्री राम के उद्घोष होने लगे। कड़ी प्रशासनिक सुरक्षा व्यवस्था और खचाखच भीड़ के बीच मंगलवार को इसका गवाह जगदीशपुर नगर के ऐतिहासिक वीर कुंवर सिह किला मैदान बना। इससे पहले श्री राम और रावण के बीच भयंकर युद्ध हुआ। जिसमें श्रीराम ने रावण की नाभि में तीर मार कर उसका वध किया। उसके बाद एसडीएम संजीत कुमार, एसडीपीओ राजीव चंद्र सिह व नपं के चेयरमैन संतोष कुमार यादव द्बारा संयुक्त रूप से लगाए गए आग से रावण का पुतला धू-धू कर जलने लगा। इस तरह असत्य पर सत्य, बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म ने विजय प्राप्त की। पूरा वीर कुंवर सिह किला श्रीराम के जय जयकार से गूंज उठा। दर्शकों ने आतिशबाजी का जमकर आनंद उठाया। एसडीएम, एसडीपीओ और चेयरमैन ने बताया कि दशहरा का पर्व असत्य पर सत्य की जीत है। सत्य के रास्ते पर चलने वाले को थोड़ी परेशानी तो होती है। लेकिन विजय उन्हीं की होता है। आज हमें सत्य के रास्ते पर चलने की जरूरत है। इस दौरान रामलीला कलाकारों की प्रशंसा करते हुए आयोजन समिति को धन्यवाद दिया। इससे पहले चौथे दिन विजयदशमी पर रामलीला का चेयरमैन ने दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया। अवर निबंधन पदाधिकारी एजाज अहमद, बीडीओ राजेश कुमार, नपं के कार्यपालक पदाधिकारी अरुण कुमार, सीओ अजय कुमार, थानाध्यक्ष राजकिशोर सिह, नीतू प्रिया, जेई रौशन कुमार सहित अन्य ने रामलीला के विभिन्न प्रसंगों को देख कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। वही नवमी को सूर्पनखा का नाक काटना, रावण दरबार, सीता हरण, सुग्रीव राम मित्रता, बाली सुग्रीव युद्ध, अशोक वाटिका में सीता, अक्षय कुमार युद्ध, हनुमान रावण संवाद, लंका दहन तो विजयदशमी पर विभीषण की शरणागति, अंगद रावण संवाद, लक्ष्मण मेघनाथ युद्ध, भरत हनुमान भेट, कुंभकरण से युद्ध और राम रावण युद्ध प्रस्तुति की गयी। जहां रामलीला महोत्सव भक्तिमय माहौल में समापन हो गया। रामलीला में विभिन्न प्रसंगों को देखकर दर्शक काफी भावविभोर हुए। इसको सफल बनाने में अध्यक्ष जवाहर शर्मा, महामंत्री आकाश कुमार, कोषाध्यक्ष कुमार गौतम सिन्हा सहित अन्य का सराहनीय योगदान रहा।