आंधी तूफान में फसल क्षति का आकलन करने दियारा पहुंचे कृषि पदाधिकारी
परबत्ता,खगड़िया/अंग भारत। बीते शनिवार की देर रात अचानक आंधी और तूफान से किसानों की मेहनत पर पानी फ़ेर दिया है। रात में आई तेज आंधी और मूसलधार बारिश ने रबी सीजन की प्रमुख फसलों में गेहूं और मक्का को भारी नुकसान पहुंचाया है। जिले के परबत्ता प्रखंड के कई गांवों के दियारा इलाका में खेतों में लगे मक्का का फसल नष्ट हो गया।ज्यादातर मक्का अभी बाली में धारी लगा रहा था। चूंकि किसान ने दिसंबर के माह में फसल की बुआई की थी। पकने मे अभी काफी समय बाकी था। मक्का फसल के नुकसान के राज्य व जिला स्तर से कृषि विभाग के पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है प्रखंड के 18 पंचायत में किसान के फसल का नुकसान का जल्द रिपोर्ट भेजा जाया। इसी को लेकर मंगलवार को परबत्ता प्रखंड अंतर्गत भरसों पंचायत के दियारा इलाका में अनुमंडल कृषि पदाधिकारी विपिन कुमार अपने टीम के साथ एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि व किसान के साथ मक्का फसल के नुकसान को लेकर जांच करने पहुंचे। अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ने बताया कि सभी पंचायत के किसान सलाहकार व कृषि समन्यवक को कहा गया है। जल्द से जल्द सर्वेक्षण रिपोर्ट भेजे। वही जांच के क्रम पाया दियारा में लगे सैकड़ो एकड़ मक्का का फसल नष्ट हो गया है। स्थानीय किसान ने कृषि विभाग के पदाधिकारी के सामने में अपनी बेबसी बताया कि किसान परेशान और हताश हैं। कई किसान तो कर्ज लेकर खेती करते हैं और अब फसल की बर्बादी से उनकी आर्थिक स्थिति और भी खराब होने की आशंका है।इस प्राकृतिक प्रकोप ने केवल फसलों को चौपट किया है। बल्कि किसानों की उम्मीदों और मेहनत को भी गहरा आघात पहुंचाया है। तूफान से बर्बाद हुई मक्का की फसल ने किसानों के समक्ष जीवनयापन का संकट खड़ा कर दिया है। अधिकतर किसान पहले से ही खाद, बीज और कीटनाशकों के लिए कर्ज ले चुके हैं। अब फसल बर्बादी के बाद उनके पास न तो अगली बुआई के संसाधन हैं। और न ही कर्ज चुकाने की क्षमता।खेतों में खड़ी फसलें आंधी की मार से जमीन पर बिछ गई हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है। जिला परिषद क्षेत्र संख्या 18 के जिप सदस्य जयप्रकाश यादव ने विभाग के पदाधिकारी के साथ किसान के मक्का फसल के नुकसान को लेकर साथ में जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने मांग किया कि प्रत्येक पंचायत के प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर खुद से किसान की समस्या को समझे।सरकार को चाहिए कि फसल बीमा योजना, आपदा राहत कोष और विशेष सहायता अनुदान जैसी योजनाओं के तहत किसानों को तत्काल राहत दी जाए।