एमडीएम को सुचारू रूप से चलाने के लिए आरपी ने विद्यालय प्रधानों के साथ की बैठक, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
रजौन/बांका, अंग भारत। सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना को सुचारू रूप से चलाने को लेकर रजौन-धौनी बीआरसी के प्रशिक्षण हॉल परिसर में सोमवार 21 अप्रैल को एमडीएम आरपी सतीश कुमार के नेतृत्व में प्रखंड के सभी प्रारंभिक विद्यालय प्रधानों की एक आवश्यक बैठक आहूत हुई। यह बैठक दिन के 1० से 11 बजे तक 1 घंटे के लिए रखी गई थी। वैशाख माह के इस तपती धूप एवं उमस भरी गर्मी के बीच बैठक हॉल परिसर में एक भी पंखा नहीं रहने की वजह से बैठक में उपस्थित विद्यालय प्रधान काफी परेशान नजर आ रहे थे। इस बैठक के दौरान एमडीएम आरपी सतीश कुमार के बुलावे पर बीआरसी लेखा सहायक मोहम्मद कमरेज आलम, बीपीएनपीएसएस (मूल) जिलाध्यक्ष संजय कुमार, आदर्श मध्य विद्यालय धौनी के प्रधानाध्यापक सह डीडीओ अरुण कुमार सिह, प्रखंड साधनसेवी बिनय प्रसाद, प्रधानाध्यापक अश्विनी दास, प्रदीप कुमार, ब्रजेश कुमार, गोपाल मंडल सहित प्रखंड के सभी 182 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक आदि उपस्थित थे। वहीं बीआरसी परिसर में बीईओ स्वयं चक्रपाणि कनिष्क के उपस्थित रहने के बाद भी वे विद्यालय प्रधानों की बैठक में नहीं दिखे, जो काफी चर्चा की विषय बनी रही। वहीं बैठक के दौरान एमडीएम आरपी सतीश कुमार ने सभी विद्यालय प्रधानों को चावल माप तौल कर लेने, विद्यालयों में मेनू के अनुसार मध्याह्न भोजन संचालित करने, विद्यालय परिसर के साफ-सफाई आदि पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है। एमडीएम आरपी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रखंड के करीब 53 चिन्हित विद्यालयों को पोषण वाटिका के लिए राशि दी गई है। वहीं एमडीएम आरपी ने मध्य विद्यालय बामदेव बाजार की प्रधानाध्यापिका गुंजन कुमारी को आवंटित चावल को बोरी के स्थान पर कोठी या ड्रम में रखने के लिए कहा है। एमडी एमआरपी ने जानकारी देते हुए बताया विद्यालयों में कोठी या ड्रम रहने के बाद भी बोरी में चावल रखा जाता है, जिससे चूहा आदि के कारण चावल को काफी नुकसान पहुंचता है, जिससे यह खाने योग्य नहीं रहता है। विद्यालय में चावल के अभाव में करीब एक दर्जन से अधिक विद्यालयों में करीब एक सप्ताह से मध्याह्न भोजन योजना ठप रहने की भी जानकारी दी गई है। एमडीएम आरपी ने आश्वस्त करते हुए बताया है कि बहुत जल्द करीब दो-तीन दिन के अंदर विद्यालयों को आवंटन के अनुरूप चावल उपलब्ध होना प्रारंभ हो जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड के 182 प्रारंभिक विद्यालयों के बीच करीब 14 भेंडरों द्बारा मध्याह्न भोजन से संबंधित सामग्रियों को उपलब्ध कराने के नाम पर चेकर-मेकर, प्रधानाध्यापक एवं भेंडर के आपसी तालमेल में नहीं रहने की वजह से मध्याह्न भोजन योजना पर काफी बुरा असर पड़ता है। भेंडर, चेकर-मेकर और प्रधानाध्यापक के आपसी तालमेल की कमी को प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी स्वयं चक्रपाणि कनिष्क ने गंभीरता से लिया है। वहीं बीईओ स्वयं चक्रपाणि कनिष्क ने बीआरसी परिसर में उपस्थित रहने के बाद भी विद्यालय प्रधानों की आवश्यक बैठक में उपस्थित नहीं होने के सवाल पर पूछने पर बताया कि एमडीएम आरपी सतीश कुमार द्बारा अधोहस्ताक्षरी को बगैर पूर्व सूचना के ही बैठक रखी गई थी। इधर बीआरसी में रहने के बाद भी बैठक में शामिल नहीं होने के मामले को लेकर विद्यालय प्रधान भी आश्चर्यचकित दिख रहे थे। वैसे एमडीएम आरपी सतीश कुमार ने बताया कि इसकी जानकारी बीईओ को व्हाट्सअप ग्रुप में मैसेज भेज कर दी गई थी।