अमरपुर

प्रसव के दौरान जच्चा बच्चा की हुई मौत, परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाकर जमकर काटा बवाल

अमरपुर/बांका अंगभारत । अमरपुर प्रखंड मुख्यालय के समीप अवस्थित संत आनंद शिशू एवं मेटरनिटी केयर नîसग हॉम में रविवार को प्रसव कराने आई एक महिला की मौत हो गई साथ ही बच्चे की भी मौत प्रसव के दौरान महिला के गर्भ में हो गई। घटना से आक्रोशित महिला के परिजनों ने क्लिनिक में जमकर तोड़ फोड़ करते हुए मुख्य सड़क पर कुर्सी टेबल रखकर अमरपुर-शाहकुंड मुख्य पथ को जाम कर दिया। जाम के कारण सड़क के दोनो ओर वाहनों की लम्बी कतार लग गई। मौके पर मृतका का भाई बबलु शर्मा ने बताया कि उनकी बहन की शादी पीरपैंती थानाक्षेत्र के दुलदलिया गांव निवासी अनिल शर्मा के साथ हुई थी। विवाह के पश्चात उनकी बहन ने एक पुत्री को जन्म दिया जिसकी आयु दो वर्ष है। उनका बहनोई बाहर रहता है जिस कारण वह अपनी बहन को अपने साथ विदाई कराकर अपने घर महादेवपुर गांव लेकर आ गया। रविवार को उनकी बहन को प्रसव पीड़ा हुई तो वह उन्हें लेकर अमरपुर रेफरल अस्पताल आ गया। जहाँ उनकी बहन की गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर उपचार के लिए मायागंज भागलपुर रेफर कर दिया। मृतका के भाई ने बताया कि जब वह अपनी बहन को लेकर अमरपुर प्रखंड मुख्यालय के समीप स्थित डॉक्टर सुरेश कुमार के नîसग होम लेकर आया तो नîसग होम में मौजूद महिला डॉक्टर नीलम प्रसाद ने उनकी बहन की डिलिवरी करा देने की बात बताई। डिलिवरी की एवज में महिला डॉक्टर नीलम प्रसाद ने ऑपरेशन करने के नाम पर चालीस हजार रूपये ले लिया तथा उनकी बहन को लेकर ऑपरेशन रूम में चली गई। थोड़ी देर के बाद पुन: डॉक्टर के स्टॉफ ने उनसे चालीस हजार जमा कराने की बात बताई। लेकिन थोड़ी देर के बाद ही उनकी बहन की मौत हो गई। मौत से आक्रोशित परिजनों का हंगामा देख डॉक्टर सुरेश कुमार अपने कमरे से नीचे उतरे तथा मानवता की सारी हदें पार कर मृतका के महिला परिजनों को डंडा से प्रहार करते हुए क्लिनिक से बाहर भगाने लगे यह देख मृतका के अन्य परिजनों में पुरी तरह आक्रोश फैल गया तथा वह भी डॉक्टर के साथ उलझ गये। हंगामा की सुचना मिलने पर थानाध्यक्ष पंकज कुमार झा, दारोगा विक्की कुमार, विजय दूबे, बसंत पांडे, महिला दारोगा रश्मि कुमारी पुलिस बलो के साथ क्लिनिक पहुंचकर जामकर्ताओ को समझाते हुए जाम को हटाया तथा मृतका के परिजनो के चंगुल से महिला डॉक्टर को निकालकर उनके कमरे में पहुंचाया। समाचार प्रेषित करने तक मृतका के परिजन शव को क्लिनिक में रखकर मुआवजा की मांग पर अड़े हुए थे।

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