खगड़िया

खगड़िया में 4671 महिलाओं के लिए विकास की खुली नई राह

खगड़िया,अंगभारत। नारी शक्ति अब मौन रहने वाली नहीं, बल्कि अपनी आवाज बुलंद कर विकास की नई गाथा लिखने को तैयार है। जिले के अलग-अलग प्रखंडों के 24 ग्राम संगठनों में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में उमड़ी 4671 महिलाओं की भागीदारी ने यह साबित कर दिया है। राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण की पहल ने मानो गांव-गांव में नई उम्मीद का संचार कर दिया है।18 अप्रैल से जिले में घूम रहे महिला संवाद रथ आधुनिक तकनीक से लैस हैं। एलईडी स्क्रीन पर योजनाओं की जानकारी, प्रेरणादायक वीडियो फिल्म प्रदर्शन, सेल्फी पॉइंट और लीफ्लेट्स के जरिए महिलाएं सरकार की नीतियों से सीधे जुड़ रही हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिग की सुविधा ने संवाद को और भी जीवंत बना दिया है। हर रथ प्रतिदिन दो कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है, जिससे अधिक से अधिक महिलाओं तक पहुंच सुनिश्चित हो सके।कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा वह क्षण होता है, जब 2०० महिलाएं एक साथ, एक स्वर में सामाजिक विकास और सुधार की शपथ लेती हैं। गांव की गलियों में गूंजती यह सामूहिक आवाज सकारात्मक ऊर्ज़ा और दृढ़ संकल्प का अद्भुत संदेश देती है। महिलाओं ने खुलकर अपनी बात रखी। बच्चों के लिए साइकिल और पोशाक योजना के लाभ से वे खुश दिखीं, वहीं आवास और शौचालय जैसे मुद्दों पर भी अपनी अपेक्षाएं व्यक्त कीं। स्मार्ट मीटर को हटाने की मांग अधिकांश महिलाओं ने एक स्वर में उठाई। इसके अतिरिक्त, जगह-जगह ग्राहक सेवा केंद्र, महिला चौकी, बस और टेम्पू स्टैंड जैसी मूलभूत सुविधाओं की मांग भी प्रमुखता से उठी। ग्राम संगठन स्तर पर 5० महिलाओं के बैठने के लिए जीविका भवन, बकरी शेड का निर्माण, वृद्धा और विधवा पेंशन में वृद्धि, जलजमाव की समस्या और गांव में खेल के मैदान जैसे विषयों पर भी महिलाओं ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीण महिलाएं न केवल विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर रही हैं वहीं व्यक्तिगत और सार्वजनिक हित से जुड़े मुद्दों पर सरकार से अपनी अपेक्षाएं भी बता रही हैं। इन सुझावों को संकलित कर प्राथमिकता के आधार पर दस्तावेजीकरण किया जा रहा है। जल्द ही इन्हें जिला प्रशासन और राज्य सरकार को भेजा जाएगा वहीं इन पर विचार कर नीतिगत निर्णय लिए जा सकें।यह महिला संवाद कार्यक्रम सही मायने में खगड़िया की महिलाओं के लिए एक सशक्त मंच साबित हो रहा है जहां वे अपनी आवाज बुलंद कर विकास की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बन रही हैं। यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं बल्कि आत्मनिर्भर और सशक्त नारी शक्ति के उदय का प्रतीक है।

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