दुमका

प्रमंडलीय स्तरीय बाल श्रम उन्मूलन अभियान “श्रम नहीं शिक्षा” का हुआ आगाज़

दुमका,अंगभारत।  बाल श्रम के विरुद्ध चल रहे राष्ट्रीय आंदोलन को मजबूती प्रदान करने हेतु सीएसीएल झारखंड द्वारा प्रमंडलीय स्तरीय परामर्श बैठक के दूसरे दिन, राष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर 44 दिवसीय राज्यव्यापी अभियान *”#श्रम नहीं शिक्षा”* का औपचारिक शुभारंभ किया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य झारखंड को बाल श्रम मुक्त बनाना और प्रत्येक बच्चे को शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित कराना है। कार्यशाला में बाल श्रम से संबंधित सामाजिक, आर्थिक एवं कानूनी प्रावधानों पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी। उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने यह प्रतिबद्धता जतायी कि वे आगामी 44 दिनों तक सम्मिलित होकर जागरूकता अभियान, समुदाय स्तर पर बैठक, बाल अधिकार आधारित कार्यक्रम, विद्यालय स्तरीय गतिविधियाँ तथा सरकार व प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित कर अभियान को धरातल पर सफलतापूर्वक क्रियान्वयन करेंगे।कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे सभी मिलकर झारखंड को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास करेंगे और हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिलाने हेतु समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में कार्य करेंगे। अभियान *”#श्रम नहीं शिक्षा”* का मुख्य उद्देश्य है कि समाज के प्रत्येक वर्ग को इस जनांदोलन से जोड़ा जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रत्येक बच्चें विद्यालय जाए, सुचारू रूप से पठन पाठन करें, सीखें, सुरक्षित व सम्मानजनक बचपन जी को सके तथा अपने भविष्य को संवार सके। मंच का संचालन निक्कू कुमार साह ने किया। उक्त कार्यशाला को सफ़ल बनाने में बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ. राजकुमार उपाध्याय, सदस्या कुमारी विजय लक्ष्मी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र, जिला बाल संरक्षण इकाई व चाइल्ड हेल्पलाइन के पदाधिकारी एवं कर्मीगण, सीएसीएल के राज्य संयोजक संजीव भगत, सीएसीएल कैंपेन कॉर्डिनेटर सुप्रिया पाल, बाल गृह की अधीक्षिका कुमारी अपर्णा, लोक कल्याण सेवा केंद्र के अनिल कुमार साह, लावणी घोष ,मर्शिला मुर्मू एवं संथाल परगना प्रक्षेत्र की विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अहम भूमिका निभाई।

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