कोलकाता

कोलाघाट में भाजपा नेताओं का दिलीप घोष के खिलाफ हंगामा, चाय पे चर्चा में भी शामिल नहीं हो सके

कोलकाता,अंग भारत।   बंगाल भाजपा के वरिष्ठ नेता दिलीप घोष के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में जगन्नाथधाम यात्रा के बाद से ही पश्चिम बंगाल भाजपा में अंदरूनी कलह गहराती दिख रही है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को गुरुवार को इसका सीधा सामना करना पड़ा, जब पूर्व मेदिनीपुर के कोलाघाट में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विरोध इतना तीखा था कि घोष चाय पे चर्चा कार्यक्रम में शामिल हुए बिना ही लौटने पर मजबूर हो गए।गुरुवार दोपहर दिलीप घोष अपनी पत्नी के साथ कोलाघाट में एक चाय कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। लेकिन कार्यक्रम स्थल पर पहुंचते ही स्थानीय भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया और विरोध शुरू कर दिया। आरोप था कि दिलीप घोष ने इस कार्यक्रम की सूचना जिला नेतृत्व को नहीं दी थी और बिना किसी पूर्व सूचना के पहुंचे थे। विवाद के दौरान कार्यकर्ताओं में से एक को बार-बार यह कहते सुना गया कि, “आपने गलत किया!”घोष की पत्नी रिंकू मजूमदार ने भी प्रदर्शनकारियों से बातचीत की कोशिश की, लेकिन उनकी बात सुनी नहीं गई। आखिरकार दिलीप घोष को वहां से लौटना पड़ा। बाद में घोष ने कहा कि हमने 250 कार्यकर्ताओं की शहादत के बाद इस पार्टी को खड़ा किया था। आज वही पार्टी कहां पहुंच गई है? दिलीप घोष पार्टी बदलने नहीं आया है, दिलीप घोष बंगाल बदलने आया है।दरअसल, विवाद की जड़ दिघा में आयोजित जगन्नाथधाम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में दिलीप घोष की उपस्थिति रही। घोष अपनी पत्नी के साथ उस कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंदिर का उद्घाटन किया था। भाजपा के अंदर इस बात को लेकर नाराजगी है कि घोष ने मुख्यमंत्री के साथ मंच साझा किया। विरोधियों की फेहरिस्त में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी भी हैं, जिन्होंने इस मुद्दे पर कहा था कि वे किसी के व्यक्तिगत जीवन पर टिप्पणी नहीं करना चाहते।दिलीप घोष ने भी शुभेंदु पर पलटवार करते हुए कहा था, “जो लोग ममता के आंचल के तले नेता बने हैं, वे आज हमें चरित्र का प्रमाणपत्र दे रहे हैं। जो कल कालीघाट का जूठा खा रहे थे, आज भाजपा का जूठा खाकर जी रहे हैं।”गौरतलब है कि शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को कांथि में ‘सनातनी समावेश’ का आयोजन किया था, जबकि दिलीप घोष उसी दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ दीघा में मौजूद रहे। भाजपा के भीतर यह घटनाक्रम भविष्य की गुटबाजी और कलह के संकेत दे रहा है।

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