होटल अग्निकांड:शुभेंदु ने राहत कार्यों में देरी पर उठाए सवाल,मृतकों की संख्या बढ़ने का ठहराया जिम्मेदार
कोलकाता,अंग भारत। बड़ाबाजार इलाके में मंगलवार रात एक होटल में लगी भीषण आग में 14 लोगों की मौत के बाद पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को राज्य सरकार और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि यदि राहत और बचाव कार्य समय पर शुरू हो गए होते, तो मृतकों की संख्या इतनी ज्यादा नहीं होती|अधिकारी ने घटनास्थल मेछुआपट्टी का दौरा करने के बाद पत्रकारों से कहा कि होटल स्थानीय जोड़ासांको थाना से काफी करीब है, इसके बावजूद दमकल विभाग देर से पहुंचा। अगर बचाव और राहत कार्य तुरंत शुरू हो गए होते, तो इतने लोगों की जान नहीं जाती|अधिकारी ने दावा किया कि चूंकि पूरी सरकार दीघा में व्यस्त थी, इसलिए होटल के भीतर फंसे लोगों और बाहर के राज्यों से आए मेहमानों के लिए जरूरी आपात सेवाओं की व्यवस्था नहीं की गई|उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा में भगवान जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में मौजूद थीं।भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि पार्टी के पार्षद सजल घोष और विजय ओझा ने पीड़ितों के परिजनों की हर संभव मदद की। अधिकारी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने इस घटना पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया केवल तब दी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया और मृतकों व घायलों के परिवारों के लिए मुआवजे की घोषणा की। ममता बनर्जी ने एक्स हैंडल पर लिखा था कि उन्होंने रातभर राहत और अग्निशमन कार्यों की निगरानी की।शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि साल 2011 में एएमआरआई अस्पताल में लगी आग समेत कई बड़ी घटनाओं के बावजूद सरकार और नगर निकायों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कोलकाता के संकरे इलाकों में अवैध निर्माण के चलते ये इलाके बारूद के ढेर बने हुए हैं। अगर महानगर में ऐसी त्रासदी हो सकती है, तो जिला शहरों की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस होटल में आग लगी, उसके पास न तो आपातकालीन फायर एग्जिट था और न ही अग्निशमन सुरक्षा मंजूरी, फिर भी उसे धड़ल्ले से संचालन की अनुमति दी गई।