फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम के बहादुर सैयद आदिल हुसैन के परिवार से की मुलाकात
श्रीनगर,अंग भारत। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को सैयद आदिल हुसैन शाह के परिवार से मुलाकात की जिन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान पर्यटकों की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवा दी थी। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।डॉ. फारूक ने पहलगाम के विधायक अल्ताफ कालू का एक महीने का मूल वेतन आदिल के पिता हैदर शाह को उनके पहलगाम स्थित आवास पर सौंपा। पहलगाम के बहादुर आदिल के पिता ने डॉ. फारूक अब्दुल्ला और अन्य नेताओं को उनके साथ एकजुटता दिखाने और उनका दर्द साझा करने के लिए धन्यवाद दिया। इस बीच पत्रकारों से बात करते हुए डॉ. फारूक ने एक सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सिंधु जल संधि की समीक्षा करने का समय आ गया है।उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विशाल जल संसाधन होने के बावजूद लोग जल संकट का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम लंबे समय से सिंधु जल संधि की समीक्षा करने की मांग कर रहे हैं। इस संधि के कारण हमें भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हमारी अपनी नदियां होने के बावजूद हम जल संकट का सामना कर रहे हैं। हम उनसे पाकिस्तान का पानी बंद करने के लिए नहीं कह रहे हैं लेकिन इस पर हमारा भी अधिकार है।उन्होंने कहा कि जम्मू में जल संकट बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि हमने जम्मू के निवासियों को चिनाब से पानी उपलब्ध कराने की कोशिश की लेकिन विश्व बैंक ने यह कहकर हमारी मदद नहीं की कि यह सिंधु जल संधि के अंतर्गत आता है। अब चिनाब से जम्मू तक पानी लाने का समय आ गया है। डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम बिजली संकट का सामना कर रहे हैं। हम इन नदियों से हजारों मेगावाट बिजली पैदा कर सकते हैं। हम कभी भी बिजली से वंचित नहीं रह सकते। हमें इन मुद्दों को सुधारने की जरूरत है।उन्होंने यह भी कहा कि आज सबसे बड़ा संदेश यह है कि पर्यटक डरे हुए नहीं हैं और उन्होंने पहलगाम हमले के अपराधियों के बुरे इरादों को विफल कर दिया है। उन्होंने कहा कि जो लोग डर फैलाना चाहते थे वह हार गए हैं। इस कृत्य में शामिल आतंकवादी हार गए हैं। आज यह साबित हो गया है कि हम डरने वाले नहीं हैं। कश्मीर हमेशा भारत का हिस्सा था और रहेगा।