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उत्तरी, पश्चिमी और पूर्वी कमान में प्रादेशिक सेना की 14 इन्फैंट्री बटालियनों को किया गया सक्रिय

नई दिल्ली,अंग भारत।   रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच सेना प्रमुख को प्रादेशिक सेना संगठित करने के लिए अधिकार बढ़ा दिए हैं। प्रादेशिक सेना नियम 1948 के नियम 33 के तहत सेना प्रमुख अब प्रादेशिक सेना के सभी अधिकारियों और नामांकित कार्मिकों को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने या नियमित सैन्य अभियानों में सहायता करने के लिए बुला सकते हैं। सरकार के इस फैसले के तहत उत्तरी, पश्चिमी और पूर्वी कमान में प्रादेशिक सेना की 14 इन्फैंट्री बटालियनों को सक्रिय किया गया है।सरकार का यह फैसला भारतीय सशस्त्र बलों के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद हुआ है, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे। भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर मिसाइलों और ड्रोनों को लॉन्च किया, जिन्हें सेना की वायु रक्षा प्रणालियों ने रोक दिया। पाकिस्तान ने रात करीब 1 बजे उत्तरी और पश्चिमी भारत में 15 भारतीय सैन्य ठिकानों पर मिसाइलों और आत्मघाती ड्रोनों से हमला किया। सेना ने कहा, ड्रोन हमलों को प्रभावी ढंग से नाकाम करके संघर्ष विराम उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब दिया गया। भारत राष्ट्र की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सभी नापाक मंसूबों का बलपूर्वक जवाब दिया जाएगा।केंद्र सरकार ने शुक्रवार को जारी आदेश में सेना प्रमुख को प्रादेशिक सेना के प्रत्येक अधिकारी और प्रत्येक भर्ती व्यक्ति को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने या नियमित सेना को सहायता या पूरक प्रदान करने के उद्देश्य से तैनात करने के लिए शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार दिया है। रक्षा मंत्रालय के परिपत्र में कहा गया है, “प्रादेशिक सेना नियम 1948 के नियम 33 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार सेना प्रमुख को उस नियम के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए प्रादेशिक सेना के प्रत्येक अधिकारी और प्रत्येक भर्ती व्यक्ति को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने या नियमित सेना को सहायता या पूरक प्रदान करने के उद्देश्य से तैनात करने के लिए बुलाने का अधिकार देती है।”

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