वट सावित्री पूजा कल, पूजन सामग्री की खरीदारी को लेकर हाट-बाजारों में महिलाओं की उमड़ी भीड़
रजौन/बांका, अंग भारत। सुहाग, संतान व सुख-समृद्धि की कामना का पावन त्योहार वट सावित्री 26 मई दिन सोमवार को है। इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु एवं सुखद वैवाहिक जीवन के लिए के यह व्रत रखती हैं और बहुत ही श्रद्धा-भाव से वट वृक्ष (बरगद) एवं सावित्री-सत्यवान की पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ वट वृक्ष की परिक्रमा करते हुए रक्षा सूत्र (सूती धागा) बांधती हैं तथा देवी सावित्री के पतिव्रता धर्म का स्मरण कर अखंड सौभाग्य की कामना करती है। बता दें कि अखंड सौभाग्य की कामना को लेकर सुहागिन महिलाएं ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री का व्रत करती है। इस वर्ष वट सावित्री व्रत में सोमवती अमावस्या जैसे अमृत योग का शुभ संयोग बन रहा है, जो कि अत्यंत ही फलदायक माना जा रहा है। वट सावित्री व्रत को लेकर आज नवादा बाजार, पुनसिया बाजार, राजावर मोड़, बामदेव बाजार सहित सभी ग्रामीण हाट बाजारों में बांस निर्मित रंग-रोगन एवं सजाया हुआ डलिया व पंखा आदि के साथ-साथ फल-मिठाई सहित अन्य पूजन सामग्री की खरीदारी के लिए व्रती महिलाओं की काफी जमघट देखी गई। वहीं रजौन एवं नवादा बाजार में हाट का दिन रहने की वजह से पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं की भीड़ काफी अधिक देखी गई। वट सावित्री पूजा को लेकर दुकानों में बांस निर्मित रंग-रोगन किया हुआ सुसज्जित डलिया एवं पंखा दोनों 70 से 80 रुपए तक बिक रहे थे। इसके अलावे सेब 240 रुपया केजी, अनार 200 रुपया केजी, नारंगी 160 रुपया केजी, केला 50 रुपया दर्जन, नारियल 30 से 40 रुपए प्रति पीस, लीची 200 रुपए सैकड़ा, खीरा 80 रुपया केजी बिक रहे थे। वहीं वट सावित्री पूजन को लेकर 26 मई दिन सोमवार को अपने पति के दीर्घायु व मंगलकामना सहित सपरिवार के सुख-शांति व अमन चैन के लिए महिलाएं वट वृक्ष के समक्ष उपस्थित होकर विभिन्न तरह के पकवानों से सुसज्जित बांस के डलिया, पंखा, धूप दीप, अगरबत्ती सहित अन्य पूजन सामग्रियों के साथ पूजा-अर्चना करेंगे। वट सावित्री महापर्व को लेकर प्रखंड क्षेत्र की व्रती महिलाएं सोमवार को रजौन थाना मार्ग के निकट ऐतिहासिक शुजा शिकार तालाब के तट पर अवस्थित वट वृक्ष के अलावे भागलपुर-हंसडीहा मुख्य सड़क मार्ग पर बद्रीनारायण धाम कुटिया के सामने अवस्थित वट वृक्ष, मां पंचवटी कल्याणी आश्रम लकड़ा काली मंदिर स्थित अति प्राचीन विशाल वट वृक्ष सहित प्रखंड क्षेत्र के अन्य सभी ग्रामीण इलाकों में अवस्थित वट वृक्ष के समक्ष पूजा-अर्चना करेंगी, जिसकी सारी तैयारी लगभग महिलाओं ने पूरी कर ली है।