बढ़ते हत्या, अपराध और बलात्कार के खिलाफ माले ने किया आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन
भागलपुर,अंग भारत। मुजफ्फरपुर के कुढ़नी प्रखंड स्थित जगन्नाथपुर गांव में दलित – मजदूर परिवार की 10 वर्षीय नाबालिग बच्ची के साथ हुई बर्बर यौन हिंसा और इलाज में आपराधिक उपेक्षा के कारण हुई उसकी मौत के खिलाफ, राज्यव्यापी प्रतिवाद के आह्वान पर बुधवार को भाकपा-माले, ऐक्टू और ऐपवा ने स्थानीय तिलकामांझी चौक पर आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया। मौके पर प्रदर्शनकारियों ने हर मोर्चे पर विफल भाजपा – नीतीश की सरकार के विरुद्ध नाराजगी जाहिर की। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे भाकपा-माले के नगर प्रभारी और ऐक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त ने इस घटना को न केवल बिहार की चरमराती कानून व्यवस्था का प्रतीक बताया, बल्कि राज्य की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े किए।उन्होंने कहा कि यह घटना राज्य सरकार की दोहरी विफलता को दर्शाती है—पहली, एक नाबालिग बच्ची के साथ अमानवीय बलात्कार और दूसरी, इलाज में आपराधिक उपेक्षा। अपने जिला भागलपुर के रंगरा थानांतर्गत बीते मंगलवार को मक्के के खेत में मिली छात्रा की क्षत-विक्षत शव के लिए भी शासन – प्रशासन की आपराधिक निष्क्रियता ही सामने आ रही है। भाकपा-माले की जांच टीम घटना स्थल का दौरा करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच में बलात्कार पीड़िता के इलाज को लेकर जो लापरवाही सामने आई है, वह न केवल निंदनीय है बल्कि आपराधिक भी है। इससे यह स्पष्ट होता है कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था गरीबों, दलितों, मजदूरों और पीड़ितों के लिए न केवल असंवेदनशील है, बल्कि अमानवीय भी हो चुकी है। न्याय की लड़ाई में भाकपा-माले पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़ा है। हमारी मांग है कि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे इस विफलता की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए तत्काल इस्तीफा दें।प्रदर्शन में भाकपा-माले के नगर प्रभारी और ऐक्टू के राज्य सचिव मुकेश मुक्त, जिला कमिटी सदस्य सिकन्दर तांती, नगर कमिटी सदस्य चंचल पंडित, तिलकामांझी ब्रांच सचिव अमर कुमार, असंगठित कामगार महासंघ के राज्य सचिव सुभाष कुमार और अमित गुप्ता, ऐपवा नेत्री विनिता देवी, बुधनी उरांव व गुंजा भारती, बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन के वकील पंडित, जलधार प्रसाद यादव, राजू पासवान, अभिनंदन पंडित, महादेव मल्लिक, शैलेश ठाकुर, मनोहर मिस्त्री, मसुदन राय, विपिन पासवान, मदन मिस्त्री, सुरेंद्र कुमार यादव, कुमुद झा आदि बड़ी संख्या मजदूर शामिल हुए।