ग्रामीण विकास विभाग के महिला संवाद कार्यक्रम से खगड़िया में सशक्त हो रहीं ग्रामीण महिलाएं
खगड़िया/ अंग भारत| ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित ‘महिला संवाद’ कार्यक्रम अब खगड़िया जिले में अपने अंतिम चरण में है, लेकिन इसका प्रभाव ग्रामीण महिलाओं के बीच गहरा होता जा रहा है। शनिवार को जिले के पांच प्रखंडों – गोगरी, चौथम, सदर, अलौली और परबत्ता – में इस कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया, जिसमें महिलाओं ने प्रचंड उत्साह के साथ भागीदारी की। गोगरी प्रखंड के बलतारा पंचायत के ज्योति ग्राम संगठन में भी महिला संवाद का आयोजन किया गया, जहां महिलाओं ने अपनी समस्याओं और आकांक्षाओं को खुलकर साझा किया।यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक अत्यंत सशक्त और प्रभावी पहल के रूप में उभरा है। तेज धूप और बारिश जैसी प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, महिला संवाद कार्यक्रम के प्रति महिलाओं की रुचि देखने लायक थी। महिलाएं इस मंच का भरपूर लाभ उठा रही हैं ताकि अपनी समस्याओं, आकांक्षाओं और सुझावों को सीधे सरकार तक पहुंचा सकें।
महिला संवाद के माध्यम से महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, जल-जमाव, वृद्धावस्था पेंशन, सोलर लाइट, सिंचाई, रोजगार और कुटीर उद्योगों जैसी बुनियादी समस्याओं के समाधान की मुखरता से मांग कर रही हैं। वे स्वयं से लेकर पंचायत और समाज में बेहतरी लाने के लिए अपनी आकांक्षाओं को भी खुलकर व्यक्त कर रही हैं। इसके साथ ही, महिलाएं अपने जीवन संघर्षों और सफलता की कहानियों को साझा कर अन्य महिलाओं को प्रेरित भी कर रही हैं, जिससे आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सामूहिक प्रेरणा मिल रही है।सरकारी योजनाओं से जुड़कर आत्मनिर्भरता की ओर कार्यक्रम में आमंत्रित महिलाएं बता रही हैं कि वे बिहार सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जुड़कर आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा चुकी हैं। इस अवसर पर सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन, महिलाओं के अधिकारों की रक्षा और एक-दूसरे को सहयोग देने के लिए संकल्प भी लिए जा रहे हैं।महिला संवाद कार्यक्रम में शामिल महिलाओं को बिहार सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं जैसे महिलाओं के लिए आरक्षण, बिहार राज्य महिला सशक्तिकरण नीति, नशामुक्ति अभियान, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन अभियान, जीविका, सतत जीविकोपार्जन योजना, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना आदि के बारे में लीफलेट और ऑडियो-वीडियो के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी जा रही है।इस कार्यक्रम के दौरान गैर-जीविका महिलाओं को भी जीविका के स्वयं सहायता समूह से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, जिससे अधिक से अधिक महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।