झारखंड प्रदेश में धर्मांतरण और घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है हेमंत सरकार:रघुवर दास पूर्व मुख्यमंत्री
दुमका,अंगभारत। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि झारखंड में जनजातीय समुदाय की स्थिति काफी दयनीय हो चुकी है।उपराजधानी दुमका में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री दास ने कहा कि हेमंत सरकार अपने वोट बैंक के खातिर इसे पिछड़ा अवस्था में ही रखना चाहती है। रघुवर दास ने यहां तक कह दिया कि इस राज्य का एक ग्रुप इन्हें ईसाई प्रदेश तो दूसरा ग्रुप इसे इस्लामी प्रदेश बनाना चाहता है,अगर यही हाल रहा तो तो झारखंड की स्थिति नागालैंड और मिजोरम जैसी हो जाएगी।इसे बचाने के लिए झारखंड में एक और हूल (आंदोलन) की आवश्यकता है, मैंने इसके लिए प्रयास शुरू कर दिया है। बारिश के मौसम के बाद जनजातीय समाज को जागरूक करने के लिए मैं पद यात्रा पर निकलूंगा। रघुवर दास ने हेमंत सरकार से यह मांग की है कि जल्द से जल्द पेसा कानून लागू करें। इससे जनजातीय समुदाय का सर्वांगीण विकास होगा,उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सचिव ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर कहा कि 1400 करोड़ रुपए का फंड तभी दिया जा सकता है, जब आप पेसा कानून लागू करेंगे।पूर्व मुख्यमंत्री ने सरकार से यह सवाल किया कि आखिरकार किसके दबाव में पेसा कानून लागू नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज आदिवासियों के हित और विकास के नाम पर अबुआ सरकार सत्ता में तो आ गई है, पर वह इस समुदाय के लिए कोई भी काम नहीं कर रही है।वर्षों से यह समाज विकास के लिए संघर्ष कर रहा है इसके भी अपने सपने, आकांक्षाएं हैं लेकिन उस पर हेमंत सोरेन का ध्यान नहीं है. रघुवर दास ने कहा कि हेमंत सोरेन ने मंईयां सम्मान योजना की घोषणा कर वोट तो ले लिया लेकिन लगातार उसके लाभुकों की संख्या में कटौती कर रही है इससे साफ पता चलता है कि यह सरकार महिलाओं की भी हितैषी नहीं है।पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आज झारखंड में जो घुसपैठ हो रहा है, वह काफी खतरनाक है। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन हेमंत सरकार उसे छूट दे रही है। पीएफआई और सिमी में कोई अंतर नहीं है । धर्मांतरण और घुसपैठ को यह सरकार समर्थन दे रही है, जो इस राज्य के लिए काफी चिंताजनक है।अपने राजनीतिक भविष्य के संबंध में उन्होंने कहा कि मैं भाजपा के कार्यकर्ता के तौर पर काम कर रहा हूं मुझे भारतीय जनता पार्टी ने काफी सम्मान दिया है अब मुझे किसी पद की लालसा नहीं है।