पटना

बिहार के 10 जिलों में 1308 जनजातीय परिवारों को मिलेगा पक्का मकान-सम्राट चौधरी

पटना,अंग भारत। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (PM-JANMAN) के तहत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (PVTGs) के 1308 परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। मंगलवार काे उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना डबल इंजन सरकार की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसके अंतर्गत कमजोर समुदायों को सामाजिक-आर्थिक न्याय दिलाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 29 अप्रैल 2025 को जारी पत्र के माध्यम से बिहार राज्य को इस योजना में शामिल किया है।सम्राट चौधरी ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण विभाग ने राज्य के 10 जिलों बांका, कैमूर (भभुआ), भागलपुर, गया, कटिहार, किशनगंज, मधेपुरा, नवादा, पूर्णिया और सुपौल में असुर, बिरहोर, बिरजिया, हिलखरिया, कोरवा, मालपहाड़िया, परहइया, सौरिया पहाड़िया एवं सावर जनजाति के परिवारों को चिन्हित किया है, जो इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित होंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत जहां अब तक लाभुकों को 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि तीन किस्तों में मिलती थी, वहीं PM-JANMAN योजना के अंतर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों के लिए यह राशि बढ़ाकर 2.00 लाख रुपये कर दी गई है।उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की सहायता राशि का भुगतान चार बराबर किस्तों में किया जाएगा। प्रथम किस्त 50,000 रुपये की होगी, जो आवास की स्वीकृति के बाद दी जाएगी। द्वितीय किस्त 50,000 रुपये की होगी, जो भूतल सतह (प्लिंथ) तक निर्माण कार्य पूर्ण होने पर दी जायेगी। तृतीय किस्त 50,000 रुपये की होगी, जो लिंटर तक कार्य पूरा होने पर दी जाएगी और अंतिम चौथी किस्त 50,000 रुपये की होगी, जो छत स्तर से ऊपर फिनिशिंग कार्य पूरा होने के बाद दी जाएगी।उन्हाेंने बताया कि इसके अतिरिक्त प्रत्येक लाभुक को मनरेगा के अंतर्गत लगभग 27,000 रुपये की मजदूरी तथा स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12,000 रुपये की राशि शौचालय निर्माण के लिए दी जाएगी। इस प्रकार प्रत्येक परिवार को कुल 2.39 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त होगी।इस योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलेगा, जिनके पास पहले से पक्का मकान नहीं है और जिनके परिवार का कोई सदस्य सरकारी सेवा में नहीं है। सुपात्र परिवारों की पहचान के लिए सर्वेक्षण कराया जा रहा है।उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के पात्रों की पहचान के बाद योग्य परिवारों को “आवास” सॉफ्ट पोर्टल पर निबंधित किया जाएगा। इस योजना में केंद्र और राज्य सरकार की वित्तीय भागीदारी प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की तर्ज पर 60:40 के अनुपात में निर्धारित की गई है। संबंधित विभागों को निर्देश दिया गया है कि योजना का क्रियान्वयन पूर्ण पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ सुनिश्चित किया जाए, ताकि कोई भी पात्र परिवार इस अधिकार से वंचित न रह जाए।

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