सिंदुआर टोला ग्रामोदय विकास विद्यालय ने साल भर में बाल मजदूरी से मुक्त कराए 30 बच्चे
रांची,अंग भारत। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर जिले में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए काम कर रहे संगठन सिंदुआर टोला ग्रामोदय विकास विद्यालय ने कहा कि बाल अधिकारों के मोर्चे पर जिला प्रशासन व नागरिक समाज में जो सजगता व समन्वय दिख रहा है, उससे यह विश्वास जगता है कि हम जल्द ही बाल श्रम मुक्त राँची का सपना साकार होते देखेंगे। संगठन ने कहा कि पिछले एक साल में जिला प्रशासन के सहयोग से उसने जिले में.बाल श्रम के खिलाफ 10 छापामार अभियान चलाए और इस दौरान 30 बच्चों को मुक्त कराया विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर भी सिंदुआर टोला ग्रामोदय विकास विद्यालय ने छापों की कार्रवाई की और 2 बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त कराया। इसके अलावा, जिले में इस मौके पर कई कार्यक्रमों का आयोजन हुआ जिसमें बाल मजदूरी के खिलाफ लोगों को जागरूक किया गया और इसके खात्मे का संकल्प लिया गया। इस दौरान बाल मजदूरी के पूरी तरह खात्मे के लिए राष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन मिशन शुरू करने, इसके लिए पर्याप्त संसाधनों का आवंटन और जिलों में जिला स्तरीय चाइल्ड लेबर टास्क फोर्स के गठन की मांग की सिंदुआर टोला ग्रामोदय विकास विद्यालय के निदेशक राजेन कुमार ने रिपोर्ट के हवाले से कहा, “बाल श्रम के खात्मे की दिशा में दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है और इसका श्रेय राज्य सरकार और जिला प्रशासन की सतर्कता और संवेदनशीलता को जाता है। हमने जिले में अब तक 32 बाल मजदूरों को मुक्त कराया है और उनके पुनर्वास की दिशा में भी प्रयास किए हैं।” उन्होंने कहा कि पीड़ितों के पुनर्वास और अपराधियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई से ही बाल मजदूरी पर रोक लग पाएगी और भारत इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।”उन्होंने बाल श्रम के खात्मे के लिए समग्र नीतिगत बदलावों, सरकारी खरीदों में बाल श्रम का इस्तेमाल कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति, 18 साल तक मुफ्त व अनिवार्य शिक्षा, पीड़ित बच्चों के पुनर्वास के लिए बाल मजदूर पुनर्वास कोष की स्थापना, खतरनाक उद्योगों की सूची में विस्तार, राज्यों को उनकी विशेष जरूरतों के हिसाब से नीतियां बनाने, बाल मजदूरी के खात्मे के लिए सतत विकास लक्ष्य 8.7 की समयसीमा को 2030 तक बढ़ाने, दोषियों के खिलाफ सख्त व त्वरित कानूनी कार्रवाई की मांग की।