भागलपुर

ग्रामीण बैंक घंटाघर भागलपुर शाखा द्वारा ग्राहक से ठग लिए गए 23 लाख 8000 रुपए

भागलपुर,अंगभारत। शरन्य मानवाधिकार के प्रधान कार्यालय भागलपुर में सरकारी बैंक से जुड़ी बड़ी समस्या सामने आई , बैंकों द्वारा ग्राहक से सरफेसी अधिनियम को ध्यान में ना रखते हुए बैंक ने एक विवादित जमीन को नीलामी मे शामिल कर अहम् बातों को छुपाते हुए ग्राहक को अंधेरे में रखते हुए बिट लगा दिया।फिर उस विवादित जमीन के रजिस्ट्री कराने एवं कब्जा दिलाने के एवज में पूरा का पूरा रकम बैंक ने ग्राहक से ले लिया। जब ग्राहक कब्जे दिलाने की बात बैंक से करता है तो उसे ना कब्जा दिलाया जाता है ना रजिस्ट्री किया जाता है और बैंक द्वारा कहा जाता है अगले माह हो जाएगा। इस तरह से करते-करते लगभग 8 वर्ष बीत चुके अब तक ना ही रजिस्ट्री हुआ ना ही कब्जा हुआ ना ही बैंक ने ग्राहक को पैसा लौटाया। ग्राहक कोर्ट कचहरी नोटिस आदि कई रूपों से बैंक पर दबाव बनाकर पैसा वापस मांगा पर अब तक कहीं कुछ नहीं हो सका।अंतिम में थक हार कर ग्राहक ने मानवाधिकार के शरण में आकर गुहार लगाई है। मानवाधिकार के इशांत सिन्हा ने बताया कि यह ताजा मामला भागलपुर ग्रामीण बैंक घंटाघर शाखा की लापरवाही से हुई है।वर्ष 2017 में दीपक कुमार पिता स्वर्गीय गजेंद्र प्रसाद यादव ने बैंक द्वारा नीलामी प्रक्रिया में 23 लाख 8000 रूपये देकर उस जमीन को बैंक द्वारा लिया था।दीपक कुमार द्वारा जमीन का कुल कीमत बैंक को वर्ष 2017 में ही दे दिया गया था।  बाद में दीपक कुमार को पता चला कि इस जमीन पर 2011 से ही टाइटल सूट 389/11 केस भागलपुर न्यायालय में लंबित है जिसे गलत तरीके से छुपाते हुए  बैंक ने नीलाम किया और फिर इसके एवज में ग्राहक से कुल कीमत क्यों वसूली गई। यह मामला बिल्कुल धोखाधड़ी जालसाजी आरबीआई के नियमों की अनदेखा करना जो की बिल्कुल आर्थिक अपराध की श्रेणी में माना जा सकता है जो एक दंडनीय अपराध है। अध्यक्ष  ने अन्य बैंकों के AGM, DGM, RBI सलाहकार आदि अधिकारियों से बातें की एवं इस विषय पर यह बात स्पष्ट होता है कि यदि बैंक पैसे वापस इंटरेस्ट के साथ नहीं करती है तो RBI और DRT बड़ी एक्शन ले सकती है।ग्राहक के पक्ष में परंतु इसके पहले एक बार साधारण टेबल टॉक कर  देख लिया जाए इसलिए एक बार मानवाधिकार टीम अवश्य बैंक से मिलेगी और उम्मीद है कि ग्राहक और बैंक के बीच की दूरियां अवश्य समाप्त होगी। यदि कोई ग्राहक डिफॉल्ट हो जाता है तो बैंक किस-किस रूप में नोटिस भेजते हैं पैसा वसूलते हैं घर की नीलामी करवाते हैं गाड़ी रास्ते से उठा लेते हैं कई रूपों में कई तरीकों से ग्राहक को भली -बुरी बातें भी कही जाती है|अब इस जगह पर कौन दोषी है इसका फैसला आने वाले वक्त में पता चलेगा।इस अहम बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ ईशान सिन्हा, भागलपुर जिला सचिव सुबोध शर्मा, मनीष कुमार, रवि कुमार, मीडिया प्रभारी रॉकी कुमार आदि मौजूद थे।

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