सुपौल के सरकारी शिक्षकों के लिए अच्छी खबर, गृष्मावकाश के बाद मिलेगी बड़ी उपलब्धि
सुपौल, अंग भारत। सुपौल के सरकारी शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है गृष्मावकाश के बाद बड़ी उपलब्धि मिलने वाली है. जिससे शिक्षक खुशी नजर आएंगे. आपको बता दें कि अन्तर जिला स्थानांतरण को लेकर शिक्षकों द्वारा किये गये आनलाइन आवेदन में विद्यालय पदस्थापन का कार्य लगभग अंतिम चरण में है. विभाग ने इस कार्य को हर हाल में 15 जून तक पूरा कर लेने का निर्देश दे रखा है.आवंटित किए जाने वाले विद्यालयों में स्थानांतरित शिक्षकों को 23 से 30 जून तक योगदान करना अनिवार्य कर दिया है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के द्वारा जारी निर्देश के मुताबिक ऐसे शिक्षक वर्तमान पदस्थापन वाले विद्यालय से वे स्वतः विरमित समझे जाएंगे. इधर गृष्मावकाश के बाद सभी विद्यालय 23 जून को खुल जाएंगे. ऐसे में जाहिर सी बात है कि कई ऐसे शिक्षक होंगे जो गृष्मावकाश बाद नये पदस्थापन वाले विद्यालय में नजर आएंगे. विद्यालय आवंटन में बरती जा रही पारदर्शिता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विद्यालय आवंटन के लिए श्रेणीवार शिक्षकों की सूची जिला शिक्षा पदाधिकारी के लाग-इन में उपलब्ध कराया गया था, लेकिन उन्हें एक बार में किसी एक शिक्षक का ही डिटेल दिख रहा है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के लाग-इन में शिक्षक का नाम एवं शिक्षक आइडी नहीं दिख रहा है. केवल अन्य विवरण यथा शिक्षक की कोटि, विषय, वर्ग एवं उसके द्वारा भरा गया पंचायतों का विकल्प प्रदर्शित हो रहा है.उन्हें यह भी ज्ञात नहीं हो पा रहा है कि शिक्षक पूर्व से कहां पदस्थापित हैं एवं उन्होंने किस कारण से स्थानांतरण हेतु आवेदन दिया है. इससे इसमें पूर्ण पारदर्शिता एवं गोपनीयता बरती गई है. ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि जिला शिक्षा पदाधिकारी अनावश्यक दबाव से मुक्त रहें. इधर पदस्थापन कार्य पूरा होने का समय ज्यों ज्यों नजदीक आ रहा है पदस्थापन के प्रत्याशा में शिक्षकों की धड़कनें बढती जा रही हैं. हालांकि वैसे शिक्षक जो सुपौल से बाहर दूसरे दूर दराज वाले जिले में पदस्थापित थे उन्हें सुकून इस बात से है कि अब कम से कम अपने गृह जिला में तो आ जाएंगे. वैसे शिक्षक जो अपने ही जिले में पदस्थापित थे परंतु घर के नजदीक आने के लिए अपने निकटतम पंचायतों का च्वाइस दिए थे. ऐसे शिक्षकों को विद्यालय आवंटन की सूची सार्वजनिक होने का बेसब्री से इंतजार है. कई शिक्षकों ने तो गृष्मावकाश के समय ही किराये पर लिए कमरा को छोड़ दिया था