पीला मोजेक वायरस से सूख रहे मूंग के पौधे
मधेपुरा,अंग भारत| प्रखंड क्षेत्र के कई एकड़ में लगे मूंग की फसलों को पीला मोजेक रोग ने अपनी चपेट में ले लिया है। इसके साथ ही इल्लियों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है,इल्लियां फसल को खाकर नुकसान पहुंचा रही हैं। पीला मोजेक वायरस से मूंग की फसल सूख रही है। इस रोग से मूंग के पौधे की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं। बाद में फूल और फलियां सूखकर गिर जाती हैं। बता दें कि मूंग की फसल में पीला मोजेक वायरस एक गंभीर समस्या है, जिसके कारण पौधे सूखने लगते हैं। यह वायरस पत्तियों को पीला कर देता है, जिससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया बाधित होती है और उत्पादन प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है। इस रोग के फैलने का मुख्य कारण सफेद मक्खी है जो संक्रमित पौधों से रस चूसकर स्वस्थ पौधों पर बैठती है, जिससे वायरस एक पौधे से दूसरे पौधे में फैलता है। इस बाबत कृषि विभाग की माने तो संक्रमित पौधों को तुरंत उखाड़ कर नष्ट कर दें इससे अन्य स्वस्थ पौधे बच सकेंगे। साथ ही ऐसी किस्मों के मूंग का चयन करें जो पीला मोजेक वायरस के प्रतिरोधी हों इसके अलावा एक ही खेत में हर साल अलग-अलग फसलें लगाएं ताकि मिट्टी में वायरस का जमाव कम हो सके। तत्पश्चात रोग नियंत्रण के लिए थायोमेथोक्जाम 25 डब्ल्यूजी की 40 ग्राम मात्रा या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल की 50 मिली मात्रा का प्रयोग करें। इन्हें 100-125 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ सुबह या शाम छिड़काव करें, ताकि इस संक्रमण से राहत मिल सके।