फ़िलिस्तीनी एकजुटता दिवस पर वामदलों ने किया प्रदर्शन
भागलपुर,अंगभारत। गाज़ा में फ़िलिस्तीनी जनता के ख़िलाफ़ इज़रायली सरकार द्वारा चलाए जा रहे जनसंहारी युद्ध की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए, देशव्यापी आह्वान पर वामदलों ने मंगलवार को फिलिस्तीनी एकजुटता दिवस आयोजित किया।प्रदर्शन में भाकपा-माले के मुकेश मुक्त, विष्णु कुमार मंडल, गौरीशंकर राय, अमर कुमार, अमित गुप्ता, प्रवीण कुशवाहा, करण कुमार, गीता देवी, पूनम देवी, ओमप्रकाश सिंह, भाकपा के गोपाल राय, अभिमन्यु मंडल, अनिता शर्मा, आरके सिंह, कार्तिक प्रसाद गुप्ता, माकपा के मनोहर मंडल, अरुण कुमार मंडल, रामविलास यादव, डोमन मंडल, विनोद मंडल आदि शामिल हुए।इस अवसर पर भाकपा-माले के जिला सचिव विंदेश्वरी मंडल, भाकपा के राज्य कमिटी सदस्य डॉ. सुधीर शर्मा व माकपा के जिला सचिव दशरथ प्रसाद के संयुक्त नेतृत्व में स्थानीय घंटाघर चौक पर जोरदार प्रदर्शन किया गया।प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने फ़िलिस्तीनी जनता के अपने राष्ट्र, सम्मान और आज़ादी के लिए चल रहे न्यायपूर्ण संघर्ष के साथ मज़बूत एकजुटता का इजहार किया। वक्ताओं ने कहा कि यह बेहद चिंताजनक है कि भारत सरकार ने फ़िलिस्तीनी जनता के साथ मज़बूती से खड़े होने के बजाय — जिसे ऐतिहासिक रूप से भारत का समर्थन प्राप्त रहा है — इज़रायली हमलावर के प्रति लगातार चुप्पी और तुष्टीकरण का रुख़ अपना लिया है। यह भारत की उस लंबे समय से चली आ रही विदेश नीति से एक शर्मनाक भटकाव है, जो उपनिवेशवाद-विरोधी एकजुटता और राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलनों के समर्थन पर आधारित रही है। भारत सरकार से यह मांग करते हैं कि वह फ़िलिस्तीनी संघर्ष के प्रति अपने ऐतिहासिक समर्थन के अनुरूप स्पष्ट और सैद्धांतिक रुख़ अपनाए और इज़रायल के साथ हर तरह का सैन्य और सुरक्षा सहयोग तुरंत समाप्त करे।वक्ताओं ने कहा कि पिछले बीस महीनों से अधिक समय से इज़रायल की बेरहम बमबारी और सैन्य हमलों ने 55,000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनियों की जान ले ली है, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं। ग़ज़ा की ज़रूरी बुनियादी संरचनाएं, अस्पताल, स्कूल और शरणार्थी शिविर जानबूझकर निशाना बनाए गए हैं। ग़ज़ा की जनता को एक अभूतपूर्व मानवीय तबाही की ओर ढकेल दिया गया है। यह कुछ और नहीं बल्कि जनसंहार है। सबसे अमानवीय रूप से, इजरायल ने ग़ज़ा में राहत सामग्री तक की एंट्री रोक दिया है।वामदल अंतरराष्ट्रीय समुद्री जल में फ़्रीडम फ़्लोटिला ग़ज़ा के ‘मैडलीन’ जहाज़ पर इज़रायली हमले की भी कड़ी निंदा करता है। भारत सरकार हिरासत में लिए गए सभी अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवकों की तत्काल रिहाई, ग़ज़ा में बिना रोकटोक मानवीय सहायता की पहुंच और इस अमानवीय नाकाबंदी को तुरंत ख़त्म करने की मांग करे।संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय न्यायालय सहित वैश्विक आक्रोश बढ़ने के बावजूद, अमेरिका और उसके कुछ सहयोगी देशों के समर्थन से नेतन्याहू सरकार खुलेआम अपना बर्बर अभियान जारी रखे हुए है। हालिया रफ़ाह हमले ने पहले से विस्थापित लाखों फ़िलिस्तीनियों को एक बार फिर विस्थापित कर दिया, जो इज़रायली सरकार के अंतरराष्ट्रीय क़ानून, मानवाधिकार और मानवता की पूरी अवहेलना को दर्शाता है। अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा से फ़्रीडम फ़्लोटिला के अपहरण की ताज़ा घटना ने दुनिया भर में व्यापक विरोध को जन्म दिया है। अमेरिका के बेशर्मी भरे सहयोग से इजराइल द्वारा ईरान पर किए गए सैन्य आक्रमण ने पश्चिम एशिया के संकट को बढ़ा दिया है। वामदल इसे रोकने की मांग करता है।