पूर्णिया विश्वविद्यालय, पूर्णिया में डिजिलाकर एंव एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट पर वर्कशॉप का आयोजन
पूर्णिया, अंग भारत। आज 24 अप्रैल2025 को प्रातः 10:00 बजे दिन से पूर्णिया विश्वविद्यालय के सीनेट हाल में डिजिटल गवर्नेंस इन हायर एडुकेशन इन द व्यूह ऑफ डिजिलाकर एंव एकेडमिक बैंक आफ क्रेडिट्स विषय पर डिजिटल इंडिया डिवीजन, मिनिस्ट्री आफ इलैक्ट्रॉनिक्स एंव इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, भारत सरकार के साथ संयुक्त प्रावधान में वर्कशॉप का आयोजन हो रहा है।
उक्त बात की जानकारी पूर्णिया विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर संतोष सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर दिया।
वर्कशॉप का आयोजन माननीय कुलपति प्रोफेसर विनोदानन्द सिंह के दिशा निर्देश पर की जा रही है। डिजिलाकर नोडल आफिसर डा नवनीत कुमार ने कहा कि वर्कशॉप में मिनिस्ट्री आफ इलैक्ट्रॉनिक्स एंव इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, भारत सरकार की ओर से मुख्यवक्ता के रूप में श्री अरुण कुमार, स्टेट कार्डिनेटर, डिजिटल इंडिया कार्पोरेशन, प्रोजेक्ट विशेषज्ञ आ रहें हैं। साथ ही मिनिस्ट्री से अन्य लोग भी उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के अन्तर्गत आने वाले सभी महाविद्यालयों के प्रधानाचार्य एंव महाविद्यालयों के परीक्षा नियन्त्रक को भी बुलाया गया है। कार्यक्रम में डिजिलाकर एंव विद्यार्थियों के लिये एबीसी आई डी बनाने की सम्पूर्ण जानकारी की ट्रेनिंग दी जायेगी। महाविद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वें अपने महाविद्यालय के विद्यार्थियों की मदद कर सकें। यूजीसी की गाइडलाइन्स के अनुसार विश्वविद्यालय को सभी शैक्षणिक उपलब्धियां डिजिलाकर पर भी अपलोड करना है। डिजिलाकर पर विद्यार्थियों का अंकपत्र, एवं अन्य सभी प्रमाण पत्र डिजिटल रूप में उपलब्ध रहेंगे,जिन्हें आवशयकता पडने पर भारत वर्ष में कहीं भी, कभी भी, दिखाया जा सकता है। डिजिटल सर्टिफिकेट की मान्यता मूल प्रमाण पत्र की प्रमाणिक प्रति के बराबर मानी जायेगी। सीबीसीएस सिस्टम में पढ़ रहे यूजी एवं पीजी के सभी विद्यार्थियों के लिए एबीसी आईडी बनाना अनिवार्य है। बिना एबीसी आईडी के कोई भी शैक्षणिक दस्तावेज डिजिलाकर पर अपलोड नही किया जा सकता। आने वाले समय में विद्यार्थी प्रत्येक वर्ष अलग अलग संस्थानों से पढाई जारी रख सकते हैं। ऐसे में उनके क्रेडिट्स ही ट्रांसफर होंगे, इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में यह एक क्रांतिकारी कदम होगा। अब विद्यार्थी अन्य शहरों में चले जाने के कारण अपनी शिक्षा बीच में छोडने को मजबूर नहीं होंगे। माननीय कुलपति, विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों एवं परीक्षा विभाग को लेकर काफी गम्भीर हैं, इसलिये हाल ही में उप-परीक्षा नियन्त्रक की नियुक्ति के पश्चात वर्कशॉप का आयोजन इसी दिशा में एक कदम माना जा सकता है।