बाँका

बाल विवाह के रोकथाम एवं निषेध के लिए दुधारी गांव में विशेष जागरुकता कार्यक्रम का किया गया आयोजन

बांका,अंगभारत। डीएम अंशुल कुमार निर्देशानुसार महिला एवं बाल विकास निगम, बांका द्बारा आगामी 3० अप्रैल को अक्षय तृतीया के दौरान संभावित बाल विवाह के रोकथाम एवं निषेध के लिए विशेष जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन महिला संवाद के दौरान दुधारी बांका में किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं, बालिकाओं एवं ग्रामीणों को संबोधित करते हुए जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वीमेन कार्यलय के जिला मिशन समन्वयक,राज अंकुश एवं बचपन बचाओ आंदोलन के डीपीए,शंभू कुमार कहा कि लङकियों की शादी 18 वर्ष के बाद एवं लङकों की शादी 21 वर्ष के बाद करना चाहिए। इस निर्धारित उम्र सीमा के पूर्व शादी होने पर वह बाल विवाह माना जाएगा, जो कि कानूनन जुर्म है। इसके साथ ही इसके कई दुष्परिणाम भी हैं, बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत लङके की शादी 21 वर्ष से कम उम्र तथा लङकी की शादी 18 वर्ष से कम उम्र में होने पर उसे बाल विवाह माना जाता है और इस तरह की शादी में शामिल वर-वधु पक्ष के अभिभावक, संबंधी सहित पंडित,मौलवी, धर्मगुरू, सेवा प्रदाता यथा टेंट, कैटरर्स,बैंड बाजा,बत्ती,शादी कार्ड प्रिंटिग प्रेस, मैरेज हॉल मालिक एवं बारात तथा शादी में शामिल वैसे सभी व्यक्ति जिनकी सहभागिता किसी भी रूप में शादी में हुई हो। कानून में उनके लिए दंड का प्रावधान है। इस अधिनियम के तहत इसके लिए दो वर्ष तक का कारावास और एक लाख तक का जुर्माने का प्रावधान है। आप सबों एवं इस जागरूकता अभियान के माध्यम से सभी लोगों से अनुरोध है कि अगर किसी का बाल विवाह हो रहा हो या होने की तैयारी हो रही हो अथवा होने की संभावना हो तो इसकी सूचना तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन 1०98 या आपातकालीन हेल्पलाइन 112 अथवा महिला हेल्पलाइन 181 पर दें। ऐसी शादियों(बाल विवाह) को तुरंत रोका जायेगा एवं आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जायेगी। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत अनुमंडल पदाधिकारी , बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी होते हैं साथ ही सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सहायक बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी होते हैं। अनुमंडल पदाधिकारी-सह- बाल विवाह प्रतिषेध पदाधिकारी, बांका को बाल विवाह रोकथाम एवं निषेध में आवश्यक सहयोग के लिए विभाग द्बारा बाल विकास परियोजना पदाधिकारी बांका सदर को नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है। बाल विवाह रोकने के लिए संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी, संबंधित थाना, संबंधित पंचायत के मुखिया एवं सरपंच को दिया जा सकता है। अत बाल विवाह रोकथाम के लिए सभी को जागरूक होना होगा व इसके लिए आगे आना होगा इसमें महिलाओं, बालिकाओं एवं ग्रामीणों की अहम भूमिका होगी। इस विशेष जागरूकता कार्यक्रम में जिला हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वीमेन कार्यालय के कर्मी, वन स्टॉप सेंटर के सहकर्मी एवं ग्रामीण महिलाओं और बालिकाओं की उपस्थिति रही।

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