दिलीप घोष का पार्टी कार्यक्रमों से किनारा! अशोक डिंडा के तंज पर दिया करारा जवाब
कोलकाता,अंग भारत। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में दीघा में जगन्नाथ मंदिर के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद घोष के खिलाफ पार्टी के भीतर आवाज उठने लगे हैं। खास बात यह है कि अब पार्टी के कार्यक्रमों में भी उनकी गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बन गई है।शनिवार सुबह प्रातः भ्रमण पर निकले दिलीप घोष ने इस मुद्दे पर कहा, “मेरा तो कोई ऑफिशियल कार्यक्रम ही नहीं है। सुबह मीडिया के साथ बातचीत करता हूं और सामाजिक या धार्मिक कार्यक्रमों में जाता हूं। सभी कार्यक्रम लिखित नहीं होते। अपना कार्यक्रम मैं खुद तय करता हूं।”जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें पार्टी कार्यक्रमों की सूची से बाहर कर दिया गया है, तो उन्होंने साफ कहा, “मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं बीते तीन वर्षों से किसी भी बड़े पार्टी कार्यक्रम में शामिल नहीं हो रहा हूं। सुबह से ही बहुत से लोग मिलने आते हैं, उन्हें समय देना भी जरूरी होता है।”गौरतलब है कि दिलीप घोष की ममता के साथ मुलाकात पर पार्टी के भीतर नाराजगी खुलकर सामने आई है। पार्टी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, सांसद सौमित्र खां और विधायक अशोक डिंडा ने खुलकर उनकी आलोचना की है। अशोक डिंडा ने कहा था, “जब हिंदू मारे जा रहे हैं, तब आप वहां नहीं जा रहे, लेकिन मंदिर उद्घाटन में जरूर पहुंच गए।” उन्होंने मुर्शिदाबाद की अशांति के बीच दिलीप घोष के विवाह पर भी सवाल उठाए।इस पर दिलीप घोष ने नाम लिए बिना पलटवार किया और कहा, “ऐसे लोग पहले भी बहुत कुछ बोले हैं, बाद में माफी मांगनी पड़ी है। जो अचानक भाजपा में आए हैं, वे कुछ भी कहेंगे। मुझे इसकी परवाह नहीं। मैं बंगाल की राजनीति करता हूं और पार्टी को खड़ा किया है। आज जो लोग दूसरी पार्टियों से आकर भाजपा में शामिल हुए हैं, वही अब बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं।”घोष ने साफ कहा कि उन्हें किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब दिल्ली में बड़े नेताओं को विमान से बुलाकर पार्टी में शामिल कराया जाता था, तब उन्हें भी बुलाया गया था लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया था।