ढाई करोड़ की लागत से सड़क तो बन गई, लेकिन पुल के इंतजार में ग्रामीणों की पथराई आंखें
रजौन/बांका, अंग भारत। आजादी के दशकों बाद करीब 3 वर्ष पूर्व 2022 में प्रखंड के तिलकपुर पंचायत अंतर्गत सैदपुर-सिंगरपुर गांव को जोड़ने वाली सड़क मार्ग बनकर तो तैयार हो गई, लेकिन हरना प्रशाखा नहर सड़क मार्ग से इसकी कनेक्टिविटी बस एक पुल की कमी के कारण आज तक नहीं हो पाई है। इस सड़क मार्ग पर नहर में पूल न रहने के कारण ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें अपने गांव जाने के लिए करीब 3 किलोमीटर की दूरी अधिक तय करनी पड़ती है। इस सड़क के निर्माण होने के बावजूद पुल न होना, परिवहन और कनेक्टिविटी को काफी प्रभावित कर रही है। एक प्रकार से यह सड़क मार्ग सफेद हाथी साबित हो रहा है। इसको लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखा जा रहा है। इस सम्बंध में सैदपुर-सिंगरपुर के ग्रामीणों ने बताया कि वे लोग आजादी के दशकों बाद भी सड़क न रहने के कारण परेशानी झेल रहे थे, लेकिन तत्कालीन विधायक मनीष कुमार के प्रयास से लगभग ढाई करोड़ (2.48) की लागत से सड़क का निर्माण कार्य पूरा हुआ था, लेकिन विभाग के उदासीनता के कारण उन्होंने डीपीआर बनाने के वक्त पूल का जिक्र नहीं किया था, जिसके कारण अब तक उनलोगों को काफी समस्या हो रही है। ग्रामीणों ने बताया सैदपुर गांव जाने के क्रम में नहर पर पूल न रहने के कारण लगभग तीन किलोमीटर घूम कर लोगों को अपने गांव जाना पड़ता है। अभी गांव के लोग अपने दोपहिया वाहन को नहर पर बने पगडंडी से लेकर जाते हैं, लेकिन डर लगा रहता है कि नहर में न गिर जाए। कई ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में मोटर साइकिल से पगडंडी पर जाते हुए एक लोग नहर में गिर गए थे, जिससे उस व्यक्ति का हाथ एवं पैर दोनों टूट गया था। इधर, मानो ग्रामीणों की आंखें पुल बनने के इंतजार में पथरा सी गई है