मुर्शिदाबाद हिंसा पर हाई कोर्ट की समिति की रिपोर्ट से तृणमूल कांग्रेस में खलबली, चुनाव पर पड़ सकता है असर
कोलकाता, अंग भारत। मुर्शिदाबाद जिले में अप्रैल महीने में हुई साम्प्रदायिक हिंसा की जांच के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय समिति की रिपोर्ट ने तृणमूल कांग्रेस को बड़ी मुश्किल में डाल दिया है। रिपोर्ट में जहां राज्य पुलिस की लापरवाही को उजागर किया गया है, वहीं, स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेताओं को इस हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता बताया गया है।भरतपुर से तृणमूल विधायक हमायूं कबीर ने रिपोर्ट को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि मुर्शिदाबाद हिंसा से जुड़े कुल 65 मामले दर्ज किए गए हैं और कई गिरफ्तारियां हुई हैं। दर्जनों परिवारों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। इसका असर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में साफ दिखेगा।उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आम लोग जिले के कई जनप्रतिनिधियों से नाराज़ हैं। साथ ही राज्य प्रशासन की भूमिका पर भी लोगों में असंतोष है।रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने हिंसा पर काबू पाने के लिए समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया, और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती से पहले तक स्थिति बेकाबू बनी रही। समिति ने स्थानीय टीएमसी पार्षद महबूब आलम और नेता अमीरुल इस्लाम को हिंसा के पीछे मुख्य भूमिका में बताया है। यानी राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं की देखरेख में मुर्शिदाबाद में हिंदुओं को चुन चुन कर निशाना बनाया गया, घर जलाए गए, मारे गए और पुलिस सब कुछ जानकर भी खामोश बनी रही।