टीएमबीयू के कुलपति ने राष्ट्रपति से किया शिष्टाचार भेंट, अमर शहीद तिलकामांझी की आदमकद प्रतिमा अनावरण के लिए राष्ट्रपति भवन जल्द कर सकता है तिथि की घोषणा
भागलपुर अंगभारत। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट कर उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन परिसर में स्थापित किए जाने वाले अमर शहीद स्वतंत्रता सेनानी तिलकामांझी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण करने के लिए आमंत्रण दिया। विदित हो कि टीएमबीयू के कुलपति प्रो. जवाहर लाल को राष्ट्रपति से मिलने के लिए 26 मई को समय दिया गया था। करीब दस मिनट के शिष्टाचार भेंट में कुलपति ने राष्ट्रपति को अमर शहीद तिलकामांझी की आदमकद प्रतिमा अनावरण सहित विश्वविद्यालय में तिलकामांझी चेयर की स्थापना और संताली विषय की पढ़ाई शुरू करने संबंधी प्रस्ताव और महत्वाकांक्षी योजना से भी अवगत कराया।राष्ट्रपति ने तिलकामांझी चेयर की स्थापना और संताली विषय की पढ़ाई शुरू करने को लेकर विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे भगीरथ प्रयासों की काफी सराहना की और उक्त प्रस्तावों से प्रभावित भी हुईं। राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय के इन प्रयासों से आदिवासी और जनजातीय लोगों का उत्थान होगा। अमर शहीद तिलकामांझी के भारत की स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका की भी उन्होंने चर्चा की। साथ ही जनजातीय गौरव गाथा पर आधारित आयोजित कार्यक्रमों की भी जानकारी दी गई।
कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने पुष्प गुच्छ भेंट कर राष्ट्रपति का स्वागत और अभिनंदन किया। मौके पर उन्होंने टीएमबीयू की पठन-पाठन, रिसर्च और अमर शहीद तिलकामांझी के नाम पर विश्वविद्यालय के नामाकरण से भी राष्ट्रपति को अवगत कराया। शिष्टाचार भेंट के दौरान राष्ट्रपति ने टीएमबीयू के कुलपति से कहा कि अमर शहीद तिलकामांझी की प्रतिमा अनावरण की तिथि से जल्द ही विश्वविद्यालय को अवगत करा दिया जाएगा। वहीं प्रतिमा अनावरण के मौके पर विश्वविद्यालय में तिलकामांझी चेयर की स्थापना और संताली विषय की पढ़ाई शुरू करने संबंधी घोषणा भी राष्ट्रपति कर सकती हैं। कुलपति ने कहा कि तिलकामांझी चेयर की स्थापना होने से जनजातीय समुदाय के उत्थान के साथ-साथ अमर शहीद तिलकामांझी के जीवन वृत पर शोध, अनुसंधान और नवाचार के कार्य शुरू किए जाएंगे। तिलकामांझी चेयर में उत्कृष्ट लाइब्रेरी और म्यूजियम भी स्थापित किए जाएंगे।०.इससे जनजाति समुदाय की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग भी प्रशस्त होगा। ट्राइबल्स महिलाओं को स्किल डेवलमेंट और ट्रेनिंग प्रोग्राम के जरिए उन्हें आर्थिक रूप से सबल बनाया जाएगा। ट्राइबल्स महिलाओं के आर्थिक उत्थान की दिशा में ट्रेनिंग, फाइनेंस और मार्केटिंग के द्वारा उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाया जाएगा।इधर, राष्ट्रपति के कार्यक्रम को लेकर विश्वविद्यालय में युद्धस्तर पर तैयारी जारी है।