भीषण गर्मी में भी सफेद हाथी साबित हो रही नल -जल योजना
मधेपुरा,अंग भारत| प्रखंड क्षेत्र के अधिकांश पंचायतों में सरकार की अति महत्वाकांक्षी नल-जल योजना विफल साबित हो रही है। करोडों रुपए की लागत से बनाए गए पानी टंकी से शुद्ध पेयजल मिलना तो दूर एक बूंद पानी भी नसीब नहीं हो रहा है। इस योजना के क्रियान्वयन को सरकारी दिशा-निर्देश की अनदेखी से यह योजना विफल हो गया है। वहीं कई वार्डों में नल तो लगाया गया है, लेकिन सुचारू रूप से जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। ऐसे में इस योजना को लेकर बरती जा रही उदासीनता से संबंधित वार्ड के लोगों में विभागीय अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस योजना के लाभ से अधिकांश आबादी वंचित हैl कहीं पर नल टूटी हुई है तो कहीं पर पाईप लाईन बिछाने के बावजूद घर तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों के शिकायत के बावजूद भी विभागीय अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं l मेंटेनेंस के अभाव में नल पाइप टूट जाने से कभी सड़क तो कभी घरों में पानी के बहाव से कीचड़ की समस्या उत्पन्न हो जाती है साथ ही समय-समय पर मशीन की सर्विसिंग नहीं होने से पानी की शुद्धता में कमी आने लगती है तब बेबस और लाचार होकर ग्रामीण को इस समस्या से निजात पाने के लिए आवश्यक रास्ता ढूंढना पड़ता है।